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Category of resistance and working diference



1. Resistance (रजिस्टेंस)
किसी पदार्थ के माध्यम से करेंट के बहाव मे प्रतिरोध उत्पन्न करना या रजिस्टेंस कहा जाता है इसे नापने की इकाई को Ω से प्रदर्शित करते है यहा एक छोटी इकाई होती है 
1000ohm = 1 kilo ohm 
1000 kilo ohm = 1 mega ohm
ग्राफिकल निशान 
●  प्रतिरोध के रूप मे प्रयोग होने वाला पदार्थ 
 1कार्बन (carbon)-कार्बन एक अल्पचालक पदार्थ है अवरोध मे सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है 
2. युरेका(Eureka)- यह 60%तांबा और 40%निकल को मौला कर बनाया जाने वाला मिश्र धातु है इसका अवरोध अधिक होता है 
3.मैगानिं(manganin)- यह 84% तांबा 12%मैगजीन व 4%निकल से बनाया जाता है इसे युरेका के स्थान पर प्रयोग करते है।
4. नाईक्रोम (Nichrome)-यह 80% निकल 20% क्रोमियम से बना होता है इसमे अवरोध अधिक होता है इसे हीटिन्ग एलिमेंट मे प्रयोग किया जाता है
 5.तं
टंगस्टान  (Tungsten)- यह कठोर धातु होती है यह उच्च ताप से ही  पिघलती है इसका प्रयोग बल्व ट्यूब व फिलामेन्त मे किया जाता है।

  • रजिस्टेंस की निर्भरता - 
तार का रजिस्टेंस 2 बातो पर निर्भित है-
1-तार की लम्बाई(तार की लम्बाई जिस प्रकार बढ़ाएँ  गे उसके अवरोध भी उसी प्रकार बढता है )
2-तार की मोटाई(तार की मोटाई बढाने पे अवरोध काम होता है।)
3-ताप पर(किसी भी चालक पदार्थ का ताप अवरोध बढाने से बढता है)

Types of resistance .

रजिस्टेंस कई प्रकार के होते है
1 - carbon resistence (कार्बन रजिस्टेंस)-:
 उपर बतायाजा चुका है की कार्बन अल्पचालक पदार्थ है शुध्द अवस्था मे इसका अवरोध तीव्र होता है लेकिन इनमे दुसरे पदार्थ को मिलने के अनुसार अवरोध काम या ज्यादा हौ जाता है इन्हे एक insulating tube मे भर का बनया जाता है
Carbon Resistance
 सामान्यतया कार्बन रजिस्टेंस 2 वाट की शक्ती का होता है रजिस्टेंस की साइज देख कर ही  वाटेज़ क्षमता जाना जा सकता है या फिर यह कह सकते है की वाटेज़ की अनुसार रजिस्टेंस की साइज घटती यी बढती है
वाटेज तो हम और आप रजिस्टेंस की साइज तो पता कर ही  सकते है लेकिन रजिस्टेंस का मान ज्ञात करने के लिए हमे standard colour coding system of chart की जरुरत पडती है जो इस प्रकार है
●Standard colour code●
0- black (काला )
1-brown (भूरा )± 1%
2- red (लाल)±2%
3-orange( नारंगी )
4-yellow (पीला )
5-green( हरा )
6-blue( नीला)
7-vailet (बैगनी )
8-grey (सलेटी )
9-White (सफेद )
 Golden (गोल्डेन) ±5%
 Silver (सिल्वर)±10%
No colour ±20% 

Ganaral rull of  resistance unit "How to know "-:
Rull no.1
A. पहला कलर रजिस्टेंस के सिरे के पास वाले कलर को मानते है।
B. पहला रंग  कभी भी काला गोल्डेन सिल्वर नही रहता है।
C.गोल्डेन या सिल्वर हमेशा 2 रंग के बाद हाय आता है
D. किसी भी रजिस्टेंस मे कम से कम 3 व ज्यादा से ज्यादा 6 रंग हौ सकते है
Rull no. 2
 (If 4 colour in a resistance)
A. 4 रंग के रजिस्टेंस मे पहले के तीन रंग रजिस्टेंस के मान ज्ञात करने के काम आते है
B. 4 था रंग हमेशा टोलेरेन्शी बताता है
C. पहले के दो कलर को क्रमशः लिखते हैं और 3सरा  रंग का जो भी नम्बर हो उतने ही शुन्य आगे लिख देते हैं
D. उसके बाद जो भी संख्या प्राप्त होती है वो रजिस्टेंस को मान ओम(Ω) मे बताता है पर यदि वो संख्या 1000 या उससे ज्यादा है तो उसमे1000 का भाग दे कर किलो ओम (kΩ)मे लिखते है और यदि किलो ओम 1000 या उससे अधिक है तो फिर 1000 का भाग दे कर उसे  मेगा ओम(mΩ) मे लिखते है।
E.  टोलेरेन्शी का मतलब है की  टोलेरेन्शी के कलर के अनुशार रजिस्टेंस का मान इतने प्रतिशत आगे पीछे हो सकता है ।
For exmp-:
भूरा  -  काला -  भूरा -  सिल्वर
  1  -    0   -     1  -  ±10%

Rull no 3.
A. 3rd रंग यदि काला है तो उसमे कोई शुन्य नही लगाते हैं ।
Rull no 4.
A.  4 रंग के रजिस्टेंस मे यदि 3rd रंग गोल्डेन होतो 10 का भाग देते है मान (1 से 9.9)Ωमध्य आएगा(if 3rd colour is golden -:1-9.9ohm)
B. और यदि 3rd रंग सिल्वर होतो 100 से भाग देते है मान (.1से .99)Ω के मध्य आएगा If 3rd colour is silwar -: .1 - .99ohm)

Rull no.6

यदि किसी रजिस्टेंस मे 5 रंग हो तो 4 रंग रजिस्टेंस का मान और 5th रंग tolerency  बताता है इसी लिए 3 रंग की मान को क्रमशः लिख कर 4थे रंग के मान के बराबर शुन्य लगाते है

उदाहरण-:
Resistance with 5 colour code

Red - green - yellow - brown - no colo.
  2    -   5       -     4      -      1    -    20% tol.
2540 ohm , 20% tolerency
2540÷100= 25k40 ohm

Rull no. 7

6  रंग के रजिस्टेंस  भी कार्बन रजिस्टेंस की ही  तरह दिखता है लेकिन ये रजिस्टेंस 1 ही आकार के अलग अलग वाटेज क्षमता के आते है इनकी वाटेज क्षमता जानने के लिये इस कलर कोड को समझना पडेगा
भूरा              -           1          वाट
पीला            -           4          वाट
बैगनी           -           7          वाट
लाल            -           2           वाट
हरा             -            5          वाट
सलेटी         -            8           वाट
नारंगी         -            3           वाट
नीला          -            6           वाट
सफेद         -            9           वाट
नोट -: इस तरह के रजिस्टेंस मे 6ठा रंग  वाटेज बताता है-


Rull no -:8

एक्सीयल लीड्स टाईप रजिस्टेंस  (Axial leads)
    Axial lead types  resistence   या तिरछी पीनो वाली रजिस्टेंस के लिये कलर कोड प्रणाली तो सं होती है परन्तु मान की गणना करने का तरीका अलग होता है
इस प्रकार के रजिस्टेंस की गणना करने से पहले इनके विभिन्न भागो को समझना होगा
1- रजिस्टेंस की बोडी
2-टिप A
3- टीप B
4- डॉट
(यहा 1st रंग बॉडी , 2ंnd रंग  टीप B ,3rd रंग डॉट और टीप A  tolerency  बताता है। )                 
  हरा   - नीला    - पीला       - गोल्डेन
बोडी   - टीप B  - डॉट        -   टीप A 
   5    - 6        - 0000     -     5%
560000 ohm ÷100= 560k ओम


:::::::::- सामान्य जानकारी-::::::::


(1).  0•1ohm  -  •99ohm -   3rd colour is {silver}.

(2). 1ohm -  9•9ohm - 3rd colour is{golden}.

(3). 10ohm -  99ohm - 3rd colour is {black}.

(4). 100ohm -  990ohm -  3rd colour is {brown}. 

(5). 1000ohm(1k ohm)  -  9900(9•9k ohm) - 3rd colour is {red}.

(6). 10k ohm  -  99k ohm - 3rd colour is {orange}.

(7). 100k ohm -990k ohm - 3rd colour is {yellow}.

(8). 1000k(1m ohm )  -  9•9m ohm - 3rd colour is {green}.

(9). 10m ohm -  99m ohm - 3rd colour is {blue}.

Code  writing unit of resistance 

सामान्य रूप से रजिस्टेंस का मान ओम , किलो ओम , मेगा ओम लिखते हैं।लेकिन कुछ कम्पनियाँ इन इकाइयो का प्रयोग न कर के अन्य इकाइयो का प्रयोग न करके अन्य ईकाईयो का प्रयोग करते है जो निम्न प्रकार से हैं -
E47 or R47= 0•47 ohm
47E or 47R = 47ohm
1E0 or 1R0 = 1ohm
100E or 100R = 100ohm
1K0= 1k ohm
10K =10k ohm
10M = 10m ohm


:-:Rull of tolerency:-:

F= ± 1%
G= ± 2%
J= ± 5%
K=± 10%
M=± 20%

:::::: The harm of carbon resistence::::::
                 (कार्बन रजिस्टेंस के प्रमुख दोष)


यह रजिस्टेंस ध्वनी व चित्र उपकरण   मे अधिक ध्वनी उत्पन्न करते है-
इनका मान ताप (temperature) के अनुसार बदलता रहता है ।
:::::-Carbon film resistence(कार्बन फिल्म रजिस्टेंस)-:::::
यह कार्बन फिल्म को सेरेमिक ड्यूब पर लगा के बनाते है और ये आकार मे छोटे मान मे स्थिर stable और यथार्थ accurate होता है ट्रांज़िस्टराइज्ड सर्किट के लिये यह बहुत उपयोगी है लेकीन कार्बन रजिस्टेंस की तरह इनमे भी तापीय दोष होता है ताप बढाने पे इनका मान काम हो जाता है  इनकी बनावट और कार्य प्रणाली काफी हद तक केपेसिटर से मिलती जुलती है

प्रायोगिक तौर पर देखा गया की कार्बन रजिस्टेंस का मान 100 ohm से अधिक  है तो प्रायोगिक फृक्वेन्शी 250 mhz से नीची bellow है तब इनमे केपेसिटेन्स का प्रभाव कार्य नही करता है लकी 100 ohm से कम मान के रजिस्टेंस 250mhz से ऊंची फ्रिक्वेंसी पर केपेसिटेन्स का मान रजिस्टेंस के मान से अधीक हो जाता है और अधिक मान कार्बन फिल्म रजिस्टेंस अधिक शोर मचाते है इससे ये कहा जा सकता है की ये एक नीश्चित मान व फ्रिक्वेंसी पर ही अच्छा कार्य करता है
इनका मान व टोलेरेन्सी ज्ञात करने के लिये स्टैंडर्ड कलर कोड सिस्टम ही अपनाया जाता है ये केवल 1/6 वाट से 2 वाट की रेंज तक ही उप्लब्ध है

 ☆Desgine and part of Carbon film resistance☆
  1-Ceremic    core
2 - End cap
3- Tin plated copper lead wire
4-Welded point
5-Carbon film
6-Protective subclassing
7-Spiral cut
8-Epoxy coading  
9-Colour code bands

       ☆Medal film resistance ☆
            ☆(मेटल फिल्म रजिस्टेंस)☆     
इनका निर्माण कार्बन फिल्म रजिस्टेंस की तरह किया जाता है लेकिन इस मे कार्बन के जगह धातु का की परत लगाते है यह उनकी तरह आवाज भी कम करते है लेकिन यह रजिस्टेंस पोजिटिव को-ओफिसियेन्ट के गुण से प्रभावित होता है मतलब ताप बढने  से     मान भी बढ़ ता है  
☆Desgine and part of the metal film-                          -resistance☆                           

ये रजिस्टेंस± •1% से± 1% तक की टोलेरेन्सी मे 1/4  वाट से 2 वाट तक के रेंज मे उपलब्ध  है इनकी वैल्यू रेंज 10 ohm से 1m ohm से अधिक मान मेटल फिल्म रेजिस्टेंस ठीक से कार्य नही करते हैं वाटेज़ को साइज को देख कर जाना जाता है 
    

☆Wire wound resistance ☆
《वायर वाऊन्ड रजिस्टेंस》
इन्हे अति अवरोध तार को ceremice tube मे लपेट कर उपर से सिमेंट के लेप से बनाया जाता है पोजिटिव को ओफिसियेन्ट के गुण पाये जाते हैं इनका मान टोलेरेन्सी वाट उपर लिखे होते है ये 1 से 50 वाट या  उससे अधिक तक आते है ये रजिस्टेंस •1% से  10% टोलरेन्सी तक आते हैं ये आकार मे अपेक्षा कृत बडे होते हैं 


☆PROFESSIONAL GRADE  WIRE WOUND RESISTENCE☆ 
    







THICK FILM RESISTENCE(थीक फिल्म रजिस्टेंस) 
इसे सेरेमिक  प्लेट पर अधिक अवरोध वाली धातु की चौडी प्लेट (20 माइक्रो मीटर  जो चिफ्की हुई परत प्रिंटेड सर्किट बोर्ड PCB  की लाइनो की तरह दिखता है ) पे रख कर   बनते है ये काम विद्युत पे व अढ़िक  विद्युत पे स्तेबिलिटी के रूप मे पहचानी जाती है  इसका प्रयोग eht और crt सर्किट मे करते है 


☆Thin film resistence ☆ 
{थिन फिल्म  रजिस्टेंस}
इसे एक पतली फिल्म से बनाते है जो कुछ माइक्रोमीटर की होती है जिसे कांच या सेरेमिक प्लेट पर रख कर बनाते है  थीक व थिन को बनाने  के लिये सेरेमेत नामक मिश्रण का प्रयोग करते है जो आत्यधिक चालक पदार्थ (ऑक्साइड काच का इन्सुलेतर और क्रोमियम सिल्वर को चालक पदार्थ ) को प्रयोग करते है


☆Safety resistence☆
(सेफ्टी रजिस्टेंस)
ये फ्युजेबल होता है जो सुरक्षा के लिये प्रयोग करते है इनमे प्रायोगिक तार का गलनांक बहुत ही  कम होता है 


 ☆Chif resistence ☆
चीफ रजिस्टर 
ये आकार के छोटे होते है ये हाई व लो फ्रिक्वेंसी में समां काम करता है


☆Network resistence ☆
नेटवर्क रजिस्टेंस 
इस प्रकार के रजिस्टेंस मे एक ही बॉडी के अन्दर अनेक रजिस्टेंस जो अलग अलग मान के होते है प्रयोग किया जाता है  इस के उपर इनमे मान लिखे होते है


☆Enemal power resistence ☆
एनेमल पावर रजिस्टेंस 
ये हाई पावर रजिस्टेंस होते है  इनकी क्षमता 10 वाट से 1000 वाट तक होता है इनमे प्रायोगिक तार का गलनांक काफी अधिक होता है इसमे प्रायोगिक आधार भी ताप रोधक होना चाहिये


☆Non flame fuseble metal film resistence ☆
नान प्लैम फ्युजेबल मेटल फिल्म रजिस्टेंस 
ये फयूज की तरह प्रयोग होने वाला मेटल फिल्म रजिस्टेंस होता है अगर इसे इसके निर्धारित करेन्ड से अधिक करंट देने पर बिना लौव उतपन्न किये हुए ही फ्यूज हो कर सर्किट ब्रैक कर देता है।


☆Voldage dipendent resistence ( vdr )☆
वोल्टेज डीपेंडेट रजिस्टेंस 
इसे सेरेमिक आधार पर सिलोकोन कार्बाइड या जिंक ऑक्साइड से बनाते है  ये अन्य रजिस्टेंस से भिन्न होते है क्यू की इनका मान हमेशा एक जैसा नही रहता है मतलब ये नान लिनियर टाइप होता है  एक vdr अपने टर्न ओवर बिन्दु से ऊपर  की वोल्टेज पे काम कर पाता है और नीच वाले वोल्टेज  को स्थिर करने मे ये अयोग्य रहता है 
मेन सप्प्लाई के बढने के कारण vdr के सीरे के बीच वोल्टेज बढ जाता है और इसका मान कम हो जाता है जिससे बढ़ी हुई करेंट अधिक हो जाता है अगर vdr का एक सीरा अर्थ मे हो तो vdr के सिरो के बिच वोल्डेज ड्रॉप होता है इसका प्रयोग  उपकरण मे सर्ज वोल्ट से बचाव ,आउटपुट कंट्रोलर के रूप और वोल्टेज रेग्युलेट करने के लिये करते है  


☆Thermistor☆
थर्मिस्टर 
इसका मान ताप पर निर्भरित रहता है इसे temperature sensetive resistance or thermo senseretive resistance भी कहते है
::::::-ये 2 types के होते है-:::::
(1)-: Negative temperature co-officiant types tharmistor.
सामान्य ताप पर ntc का मान बहुत अधिक होता है किन्तु जैसे हो ताप बढता है तो इसका मान कम हो जाता है इसे आयरन या निकिल की आक्साइट से बनाते है  इसका प्रयोग इलेक्ट्रोलाइटिक 
और t v रीसीवर मे किया जाता है
  positive temperature co officiant types tharmistor.
यह ntc थर्मिस्टर के बिल्कुल उल्टा होता है सामान्य ताप पे इसका मान कम होता है जैसे जैसे ताप बढता है वैसे वैसे इसका मान भी बढ जाता है ptc का उपयोग ट्रांज़िस्टराईज्ड ओडियो आउट पुट विभाग मे लगे आउटपुट ट्रांज़िस्टर के बेस सर्किट मे करते है 

☆Light dependent resistence ☆
एल डी आर 
कुछ फोटो सेन्सेटिव पदार्थ जैसे केडमियम सालफाइड केडमियम सेलेनाइट से निर्मित ये रजिस्टेंस बनाये जाते है जिनमे प्रकाश मिलने पर इलैक्ट्रोन उत्सर्जित हो जाते है अन्धेरे मे तो इनका अवरोध कई मेगा ओम होता है किन्तु प्रकाश मिलने पर अवरोध कुछ ओम ही रह जाता है सही माप की फोटो सेन्सेटिव पदार्थ  की स्टीप को इन्स्युलेटिग मटेरियल के आधार पे चिपका के ldr  रजिस्टेंस बनाते है 

कार्बन और वायर वाउन्ड़ रजिस्टेंस के प्रकार
(1)-:फिक्स रजिस्टेंस
( इनका मान स्थिर होता है)

(2)-:वेरियेबल रजिस्टेंस
(ये कार्बन और वायर वाउन्ड़ दोनो प्रकार का होता है इसे शुन्य से इसके अधिकतम मान तक एडजस्ट किया जा सकता है ये दो प्रकार के होते है

 1- लिनियर टाइप -:इसमे कार्बन पट्टी का प्रत्येक भाग समां होता है जैसे एक लिनियर कन्ट्रोल का मान 100 ओम है इसके 1/4 भाग पे 25 ओम 1/2 भाग पे 50 ओम 3/4भाग पर 75ओम व अन्त मे 100 ओम होता है इस पर lin लिखा होता है । 

2- लोग टाइ प इस प्रकार के कन्ट्रोल मे कार्बन पट्टी के अवरोध एक सीरे से दुसरे सीरे तक बराबरी मे बटा नही होता हैकिसी कन्ट्रोल का मान 100 ओम है तो पहले1/2भाग का कुल मान 1/2 से अधिक या कम हो सकता हैऔर शेष दुसरे सीरे पर आधा भाग होता है  इस कन्ट्रोल रजिस्टेंस पर log लिखा होता है ।

(3)-:सेमी वेरियेबल रजिस्टेंस

☆Many types of cantrol☆
विभिन्न प्रकार के कन्ट्रोल

A-: साधारण 3 टेग कन्ट्रोल रोटरी टाइप
ये भिन्न भिन्न मान के आते है ये लोग व लिनियर दोनो प्रकार के होते है।

B-:3टेग कन्ट्रोल +सिंगल आन /आफ स्वीच (रोटरी टाईप)
ये भी 3टेग कन्ट्रोल की तरह काम करते है इसमे सिंगल आन /आफ स्वीच भी लगा होता है जो की पीछे साइड मे दो प्वाइन्ड से होता है।

C-:3टेग कन्ट्रोल +डबल आन /आफ स्वीच (रोटरी टाईप)
ये भी साधारण कन्ट्रोल जैसा होता है बस इसमे डबल आन/आफ स्वीच न्यूटन और फेज दोनो के लिये होता है जो की इसके पिछले हिस्से पे 4 प्वाइन्ड से होता है 

D-:4टेग कन्ट्रोल +डबल आन /आफ स्वीच (रोटरी टाईप) 
इसमे 3 टेग कंट्रोल  के निचले हिस्से मे समान्य रूप से लगा होता है और4था टेग अलग से लगा होता है और पिछले हिस्से पे डुअ ल आन आफ स्वीच होता है।

E-:वाएर वाउन्ड़ कन्ट्रोल
 इसे बेकेलाइत के गोल आधार पे टांगस्टान और मेगानिन के तार को लपेट कर बनाते है ये कम (1ओम - कई मेगा ओम )मान के रजिस्टेंस से किन्तु हाई करेंट (5 w  - 100 w to above )के लियें प्रयोग किये जाते है ये केवल लिनियर कन्ट्रोल होते हैं ।

☆F-: स्लाइडिन्ग  कन्ट्रोल☆
 ये भी सामान्य रोटरी कन्ट्रोल जैसे हाय होते है बस इसकी कार्बन पट्टी गोल ना हो कर चौडी होती है जिसके पेरेलल मे एक धातु की पतली पट्टी होती है स्लाईड नोब से आपस मे शार्ट होती है जिससे पट्टी की अवरोध को कं या ज्यादा किया जाता है

G-: डुआल कन्ट्रोल 
 ये रोटरी वा स्लाइट दोनों तरह की होती है

☆H -: डिस्क टाइप कन्ट्रोल☆
 ये आकार के बहुत छोटे होते है
इनमे कन्ट्रोल पार्ट के 3 टेग्स  के अलावा 2 एक्सट्रा टेग्स होते है जो पावर आन आफ स्वीच होते है इन्हे डाइरेक्ट पी सी बी पर ही  यूज़ करते है
 ये ट्रांज़िस्टर पोकेज या रीशीवर पर वोल्यूम या टोन कन्ट्रोल के रूप मे प्रयोग करते है 

☆I-: प्रीसेट कन्ट्रोल ☆
इसमे मान बदलने के लिये शोफ्ट या स्लाइट नोब लगा होता है इसे छोटे पेच्कस से घुमा कर मान बदला जा सकता है इसे भी पी सी बी पे सीधे ही फिट कर सकते है टीवी रीशीवर के AFC  पार्ट मे लगाते है

3-: सेमी वेरीएबल रजिस्टेंस 
ये केवल वायर वाउन्ड़ रजिस्टेंस ही  होता है इनका मान प्रयोग से पहले सर्किट अनुसार फिक्स कर दिया जाता है इनमे 2 सीरे दोनो किनारो पर स्थिर होते है इन दोनो के मध्य 1 या 1 से अधिक वेरियेबल सीरे होते है जिससे रजिस्टेंस का मान स्थित करते है

☆ Combination of resistance☆
《रजिस्टेंस का संयोजन》
 रजिस्टेंस के वांछित मान की प्राप्ति के लिये 2 या 2 से अधिक रजिस्टेंस को आपस मे जोड़ देना ही रजिस्टेंस का संयोजन कहलाता है 
:::::-रजिस्टेंस का संयोजन 3 प्रकार से होता है-:::::
1-: सीरिज संयोजन (S eries Combination)
2-:पैरेलल संयोजन (P arallel Combination)
3-:पैरेलल सीरिज संयोजन(Parallel Series Combination)

1-:सेरिज संयोजन 
जब एक रजिस्टेंस के एक सीरे को दुसरे रजिस्टेंस के पहले सीरे मे   लगा कर जोडा जाय तो सेरीज संयोजन कहलाता है इसमे सभी रजिस्टेंस की वाटे ज  शक्ती समां होनी चाहिये और रजिस्टेंस का कुल मान प्रत्येक रजिस्टेंस के मान को जोड़ के ज्ञात करते है और रजिस्टेंस का कुल वाट एक रजिस्टेंस के बराबर होता है
 जैसे -
 10ओम(1/2) वाट +20ओम (1/2वाट)+50ओम (1/2वाट) 
= 80 ओम (1/2 वाट)

Rt=R1+ R2 +R3+ R4+ R5+......ETC
(एम्पियर)I=सीरीज में बहने वाली धारा 
I =VT/RT
सेरीज मे विद्युत दबाव की गणना (voltage drop)= I×R 
2-: पैरेलल संयोजन
 2 या 2 से अधिक रजिस्टेंस एक ही विद्युत स्रोत के मध्य लगाया जाय तो पैरेलल संयोजन कहलाता है
इनमे अलग-अलग वाट के रजिस्टेंस एक साथ प्रयोग कर सकते है कुल रजिस्टेंस की वाटेज़ को जानने के लिये प्रत्येक रजिस्टेंस की वाट को जोडा जाता है कुल रजिस्टेंस का मान जानने के लिया RT= 1/R1+1/R2+1/R3+.......ETC फार्मूला का प्रयोग करते है 
जैसे-: 
R 1=33ओम 
R 2=33ओम 
R 3=33ओम 
1/33+1/33+1/33=3/33=11ओम  

::::::::अन्य सूत्र :::::::

जब रजिस्टेंस का मान समां हो
 कुल मान = एक रजिस्टेंस का मान /रजिस्टेंस की कुल संख्या-(2)
जब केवल 2 रजिस्टेंस ही लगे हो तो 
कुल मान = r 1×r 2/r 1+r 2-(3)
पेरेलल मे लगे 2 मे से 1 का मान अज्ञात और कुल मान पता है 
Rx=r×rt/r-rt-(4)

सीरीज व पेरेलल 
जब एक ही  सर्किट मे दोनो संयोजन देखे जाय तो सीरीज पेरेलल कहलाता है मान ज्ञात करने के लिये बारी बारी से  ज्ञात करना पडता है 

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