There are many types of electrolytic capacitors-:
1-Radial type capacitor
2-Axial type capacitor
3-Lug type capacitor
4-Non polarized type capacitor
Multi unit capacitors-:
इस प्रकार के कैपेसिटर में एक ही बॉडी में बने कैपेसिटर की संख्या 1 से अधिक होती है इनमें अधिकतर दो या तीन कैपेसिटर होते हैं लेकिन आवश्यकता अनुसार इनकी संख्या बढ़ सकती भी सकती है इनका विवरण इन की बॉडी पर लिखा हुआ होता है।
Non polarized electrolytic capacitor-:
इस प्रकार के कैपेसिटर में डीसी ध्रुव पता नहीं होती है मतलब इन में प्लस माइनस नहीं होता इनका प्रयोग ए सी सप्लाई या ए सी सिग्नल के साथ किया जाता है।
Solid aluminiam or tentailam capacitor-:
1-: -80°से +175° तक कार्य करने पर उनकी कार्यक्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
2-: अंकित डीसी वॉल्ट से 33% अधिक की सर्ज सप्प्लाई को सहन कर सकते है।
3-:इनके लिए करंट लिमिट की आवश्यकता नहीं होती।
4-:AC वोल्टेज के साथ प्रयोग करने पर भी इन की कार्य क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता यह 50 से 100 Hz तक की एसी वोल्टेज को अंकित डीसी वोल्टेज कैपेसिटी से 80% तक सहन कर सकते हैं।
5-: इनका आकार अन्य कैपेसिटर से छोटा होता है।
Tips of chaking a electrolytic capacitor-:
मल्टीमीटर के माध्यम से इलेक्ट्रोलाइट कैपेसिटर का मान ज्ञात करने के लिए मीटर सिलेक्टर स्विच को 1 मेगा ओम की रेंज में रखते हैं तथा मीटर की काली प्रोब को कैपेसिटर के नेगेटिव सिरे पर रखते हैं । और लाल प्रोब को केपेसिटर के पॉजिटिव सिर पर रखते हैं
यदि मीटर की रीडिंग बढ़ कर पुनः शुन्य की स्थिति में आ जाए तो कृपा सीटर सही होता है।
Work of the capacitors-:
अधिकतर कैपेसिटर डीसी सप्प्लाई पर प्रयोग करते है
किन्तु कुछ केपेसिटर एसी सिगनल के लिये होते है ऐसे केपेसिटर का मुख्य कार्य डीसी सप्प्लाई को रोकना व एसी सिगनल को पास करना होता है। एक निश्चित मान के केपेसिटर निश्चित फ्रिक्वेंसी को ही पास करता है।
Three types of capacitor According to usage-:
1-:Coupling capacitors.
2-:Bypass capacitors.
3-:Filter capasitors.
Coupling capacitors-:
जब किसी कैपेसिटर को दो विभागों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है तो उस कैपेसिटर को कपलिंग कैपेसिटर कहते हैं यह दोनों विभागों के वोल्टेज को अलग अलग रखते हुए एक विभाग से सिग्नल दूसरे विभाग को प्रदान करता हैइनका मान इन्पिडेंस मेचिन्ग के आधार पर निकालते है।
By Pass capacitors-:
जब किसी केपेसिटर का प्रयोग अवांछित फ्रिकवेंसी को ग्राउंड करने के लिए किया जाता है तो उसे बाई पास हैं केपेसिटर कहते है। बायपास कैपेसिटर का मान कपलिंग कैपेसिटर से काफी कम होता है यह केपेेेसिटर सिगनल तीखे पन को समाप्त कर मुख्य पुर्जो की सुरक्षा भी करता है
Filter capacitor-:
जब एसी सप्लाई को डीसी सप्लाई में बदला जाता है तो विद्युत में जो उतार-चढ़ाव होता है उसे समाप्त करने के लिए फिल्ट्रेशन प्रयोग किया जाता है फिल्टर कैपेसिटर एक फिल्ट्रेशन होता है जो विद्युत व को फ़िल्टर करता है।
Capacitance tolerency-:
किसी केपेसिटर का वास्तविक मान उस पर अंकित मानसी कितने प्रतिशत कम या ज्यादा होता है उसे उस कैपेसिटर की टॉलरेंसी कहते हैं।
सामान्यतः सिरेमिक Disc type capacitor की कि टोलरेंस 20% होती है पेपर टाइप कैपेसिटर की टोलेरेेंसी10% होती है माइका कैपेसिटर या सिरेमिक ट्यूबलर कैपेसिटर का टोलरेंस 2 से 20% तक होता है सिल्वर प्लेट से बने माइका कैपेसिटर की टोलेरेन्सी 1% होती है।
Voltage capacity of capacitor-:
प्रत्येक कैपेसिटर की एक निश्चित मान के अलावा एक निश्चित वोल्टेज कैपेसिटी होती है सामान्यतया प्रत्येक कैपेसिटर का उसका मान या तो सीधे ही लिखा होता है या उस या इसके लिए कोई कोड दिया होता है इसके अलावा जिन कैपेसिटर पर वोल्टेज या कोई कोड नहीं दिया होता है उसके वोल्टेज का मान कैपेसिटर की आकृति को देख कर पता किया जाता है सामान्यतया वोल्टेज कैपेसिटी का मान लगभग 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर किताब के लिए निर्धारित किया जाता है अर्थात जिस दी गई वोल्टेज पर केपेसिटर का तापक्रम 60 डिग्री सेल्सियस हो जाता है वह उस कैपेसिटर की वर्किंग वोल्टेज होती है किसी कम वोल्टेज केपेसिटी के कैपेसिटर में प्रयोग डाई इलेक्ट्रिक का ताप तेजी से बढ़ता है सामान्य कार्यों में प्रयोग होने वाले पेपर माइका और सिरेमिक कैपेसिटर की वोल्टेज कैपेसिटी सामान्यतया 50 से 500 वॉल्ट होती है सेरेमिक कैपेसिटर 1 से 5 किलो वोल्ट क्षमताओं के भी मिलते हैं इलेक्ट्रोलाइट कैपेसिटर सामान्यतः 25 ,150 और 450 वॉल्ट क्षमताओं के अधिक प्रयोग किए जाते हैं इसके अलावा 6 से 10 वोल्ट में प्रयोग किए जाते हैं।
combination of capacitors-:
कैपेसिटर्स का संयोजन दो प्रकार से किया जाता है-:
1-:श्रेणी क्रम में ( series combination)
-: जब दो या दो से अधिक कैपेसिटर्स को सीरीज में जोड़ा जाता है तो श्रेणी क्रम या सीरीज कांबिनेशन कहते हैं( एक कैपेसिटर के नेगेटिव सिरे को दूसरे कैपेसिटर के पॉजिटिव सिरे में तथा दूसरे कैपेसिटर का नेगेटिव शिरा तीसरे कैपेसिटर के पॉजिटिव सिरे में जोड़)
सूत्र-:1/CT = 1/C1+1/C2+1/C3........ ETC
Exm.-: 50mf 25 v के तीन केपेसिटर सेरीज मे लगे होतो कुल मान?
1/ct =1/50+1/50+1/50
=3/50
=50/3
=16.66mf
VT=V1+ V2+ V3......ETC
Vt=25+25+25
= 75 v
16.66mf 75v
For the 2 capacitors-:
CT= C1+C2/2
VT= V1+C2
2-:समांतर क्रम में ( parallel combination)
दो या दो से अधिक कैपेसिटर्स को समांतर क्रम में जोड़ना प्लेटो के क्षेत्रफल में वृद्धि करने के समान होता है किसी केपेसिटर में प्लेटो का क्षेत्रफल बढ़ने से उसके कैपेसिटेंस में वृद्धि होती है इस प्रकार समांतर क्रम में लगे कैपेसिटर का कुल मान प्रत्येक कैपेसिटर के मान के जोड़ के बराबर होता है
सूत्र-:CT =C1+C2+C3......ETC
Main Voltage in parallel = the smallest unit of capacitor of voltage in a parallel combination.
1-Radial type capacitor
2-Axial type capacitor
3-Lug type capacitor
4-Non polarized type capacitor
Multi unit capacitors-:
इस प्रकार के कैपेसिटर में एक ही बॉडी में बने कैपेसिटर की संख्या 1 से अधिक होती है इनमें अधिकतर दो या तीन कैपेसिटर होते हैं लेकिन आवश्यकता अनुसार इनकी संख्या बढ़ सकती भी सकती है इनका विवरण इन की बॉडी पर लिखा हुआ होता है।
Non polarized electrolytic capacitor-:
इस प्रकार के कैपेसिटर में डीसी ध्रुव पता नहीं होती है मतलब इन में प्लस माइनस नहीं होता इनका प्रयोग ए सी सप्लाई या ए सी सिग्नल के साथ किया जाता है।
Solid aluminiam or tentailam capacitor-:
1-: -80°से +175° तक कार्य करने पर उनकी कार्यक्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
2-: अंकित डीसी वॉल्ट से 33% अधिक की सर्ज सप्प्लाई को सहन कर सकते है।
3-:इनके लिए करंट लिमिट की आवश्यकता नहीं होती।
4-:AC वोल्टेज के साथ प्रयोग करने पर भी इन की कार्य क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता यह 50 से 100 Hz तक की एसी वोल्टेज को अंकित डीसी वोल्टेज कैपेसिटी से 80% तक सहन कर सकते हैं।
5-: इनका आकार अन्य कैपेसिटर से छोटा होता है।
Tips of chaking a electrolytic capacitor-:
मल्टीमीटर के माध्यम से इलेक्ट्रोलाइट कैपेसिटर का मान ज्ञात करने के लिए मीटर सिलेक्टर स्विच को 1 मेगा ओम की रेंज में रखते हैं तथा मीटर की काली प्रोब को कैपेसिटर के नेगेटिव सिरे पर रखते हैं । और लाल प्रोब को केपेसिटर के पॉजिटिव सिर पर रखते हैं
यदि मीटर की रीडिंग बढ़ कर पुनः शुन्य की स्थिति में आ जाए तो कृपा सीटर सही होता है।
Work of the capacitors-:
अधिकतर कैपेसिटर डीसी सप्प्लाई पर प्रयोग करते है
किन्तु कुछ केपेसिटर एसी सिगनल के लिये होते है ऐसे केपेसिटर का मुख्य कार्य डीसी सप्प्लाई को रोकना व एसी सिगनल को पास करना होता है। एक निश्चित मान के केपेसिटर निश्चित फ्रिक्वेंसी को ही पास करता है।
Three types of capacitor According to usage-:
1-:Coupling capacitors.
2-:Bypass capacitors.
3-:Filter capasitors.
Coupling capacitors-:
जब किसी कैपेसिटर को दो विभागों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है तो उस कैपेसिटर को कपलिंग कैपेसिटर कहते हैं यह दोनों विभागों के वोल्टेज को अलग अलग रखते हुए एक विभाग से सिग्नल दूसरे विभाग को प्रदान करता हैइनका मान इन्पिडेंस मेचिन्ग के आधार पर निकालते है।
By Pass capacitors-:
जब किसी केपेसिटर का प्रयोग अवांछित फ्रिकवेंसी को ग्राउंड करने के लिए किया जाता है तो उसे बाई पास हैं केपेसिटर कहते है। बायपास कैपेसिटर का मान कपलिंग कैपेसिटर से काफी कम होता है यह केपेेेसिटर सिगनल तीखे पन को समाप्त कर मुख्य पुर्जो की सुरक्षा भी करता है
Filter capacitor-:
जब एसी सप्लाई को डीसी सप्लाई में बदला जाता है तो विद्युत में जो उतार-चढ़ाव होता है उसे समाप्त करने के लिए फिल्ट्रेशन प्रयोग किया जाता है फिल्टर कैपेसिटर एक फिल्ट्रेशन होता है जो विद्युत व को फ़िल्टर करता है।
Capacitance tolerency-:
किसी केपेसिटर का वास्तविक मान उस पर अंकित मानसी कितने प्रतिशत कम या ज्यादा होता है उसे उस कैपेसिटर की टॉलरेंसी कहते हैं।
सामान्यतः सिरेमिक Disc type capacitor की कि टोलरेंस 20% होती है पेपर टाइप कैपेसिटर की टोलेरेेंसी10% होती है माइका कैपेसिटर या सिरेमिक ट्यूबलर कैपेसिटर का टोलरेंस 2 से 20% तक होता है सिल्वर प्लेट से बने माइका कैपेसिटर की टोलेरेन्सी 1% होती है।
Voltage capacity of capacitor-:
प्रत्येक कैपेसिटर की एक निश्चित मान के अलावा एक निश्चित वोल्टेज कैपेसिटी होती है सामान्यतया प्रत्येक कैपेसिटर का उसका मान या तो सीधे ही लिखा होता है या उस या इसके लिए कोई कोड दिया होता है इसके अलावा जिन कैपेसिटर पर वोल्टेज या कोई कोड नहीं दिया होता है उसके वोल्टेज का मान कैपेसिटर की आकृति को देख कर पता किया जाता है सामान्यतया वोल्टेज कैपेसिटी का मान लगभग 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर किताब के लिए निर्धारित किया जाता है अर्थात जिस दी गई वोल्टेज पर केपेसिटर का तापक्रम 60 डिग्री सेल्सियस हो जाता है वह उस कैपेसिटर की वर्किंग वोल्टेज होती है किसी कम वोल्टेज केपेसिटी के कैपेसिटर में प्रयोग डाई इलेक्ट्रिक का ताप तेजी से बढ़ता है सामान्य कार्यों में प्रयोग होने वाले पेपर माइका और सिरेमिक कैपेसिटर की वोल्टेज कैपेसिटी सामान्यतया 50 से 500 वॉल्ट होती है सेरेमिक कैपेसिटर 1 से 5 किलो वोल्ट क्षमताओं के भी मिलते हैं इलेक्ट्रोलाइट कैपेसिटर सामान्यतः 25 ,150 और 450 वॉल्ट क्षमताओं के अधिक प्रयोग किए जाते हैं इसके अलावा 6 से 10 वोल्ट में प्रयोग किए जाते हैं।
combination of capacitors-:
कैपेसिटर्स का संयोजन दो प्रकार से किया जाता है-:
1-:श्रेणी क्रम में ( series combination)
-: जब दो या दो से अधिक कैपेसिटर्स को सीरीज में जोड़ा जाता है तो श्रेणी क्रम या सीरीज कांबिनेशन कहते हैं( एक कैपेसिटर के नेगेटिव सिरे को दूसरे कैपेसिटर के पॉजिटिव सिरे में तथा दूसरे कैपेसिटर का नेगेटिव शिरा तीसरे कैपेसिटर के पॉजिटिव सिरे में जोड़)
सूत्र-:1/CT = 1/C1+1/C2+1/C3........ ETC
Exm.-: 50mf 25 v के तीन केपेसिटर सेरीज मे लगे होतो कुल मान?
1/ct =1/50+1/50+1/50
=3/50
=50/3
=16.66mf
VT=V1+ V2+ V3......ETC
Vt=25+25+25
= 75 v
16.66mf 75v
For the 2 capacitors-:
CT= C1+C2/2
VT= V1+C2
2-:समांतर क्रम में ( parallel combination)
दो या दो से अधिक कैपेसिटर्स को समांतर क्रम में जोड़ना प्लेटो के क्षेत्रफल में वृद्धि करने के समान होता है किसी केपेसिटर में प्लेटो का क्षेत्रफल बढ़ने से उसके कैपेसिटेंस में वृद्धि होती है इस प्रकार समांतर क्रम में लगे कैपेसिटर का कुल मान प्रत्येक कैपेसिटर के मान के जोड़ के बराबर होता है
सूत्र-:CT =C1+C2+C3......ETC
Main Voltage in parallel = the smallest unit of capacitor of voltage in a parallel combination.
Thnxxx to you
ReplyDelete