लाउड स्पीकर एक इलेक्ट्रोएकोलोस्टीक पूर्जा है जो विद्युत ऊर्जा को ध्वनि में बदलता है। यह ऑडियो भाग का अंतिम विभाग होता है।
सैद्धांतिक आधार से एक स्पीकर का कार्य माइक्रोफोन से विपरीत होता है।
सामान्यता एक स्पीकर में एक क्वाईल और एक
डायफ्राम चुंबक के मध्य रखा होता है।
वूफर (Woofar) :
बूफर एक ऐसा स्पीकर होता है जो लो ऑडियो फ्रिकवेंसी पर कार्य करता है इस कार्य के लिए बूफर के कोन को इतना लचीला बनाया जाता है कि यह वॉइस क्वाइल को लो फ्रिकवेंसी का करंट मिलने पर भी आसानी से कंपन कर सके।इसके लिए कोन के बाहरी किनारे फोल्डेड बनाए जाते हैं।
हाई फिडेलिटी सिस्टम में बास का प्रभाव प्राप्त करने के लिए ऊपर का प्रयोग किया जाता है।
ट्वीटर(tweetar)-:
टि्वटर केवल हाई ऑडियो फ्रिकवेंसी पर ही कार्य करता है इस कार्य के लिए ट्विटर में प्रयोग किए जाने वाले कोन को कसा हुआ बनाया जाता है तथा इसकी कैबिनेट (स्पीकर मेटेलिक बॉडी)को नीचे की तरफ से पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है।
मिडरेंज (Midrange)-:
ऑडियो फ्रिकवेंसी स्पेक्ट्रम में फ्रीक्वेन्शी का बीच का भाग मिडरेंज कहलाता है यद्यपि मिडरेंज की अपर और लोअर लिमिट खास तौर पर परिभाषित नहीं की गई है लेकिन लगभग 300 Hz से 3KHz तक की फ्रीक्वेंसी को इस बैंड में रखा गया है इस फ्रीक्वेंसी रेंज के लिए प्रयोग होने वाला स्पीकर मिडरेंज स्पीकर कहलाता है इस स्पीकर का कोन ना तो अधिक लचीला होता है और ना ही अधिक कसा हुआ होता है इसकी कैबिनेट का पीछे का भाग भी खुला हुआ होता है।
आडियो पावर-:
ऑडियो पावर वाट्स में एक पावर है जो एक ऑडियो एंपलीफायर के आउटपुट में खर्च की जाती है यदि एक ऑडियो सिस्टम में स्पीकर के स्थान पर उचित मान की रजिस्टेंस लगा दी जाए तो कोई ऑडियो पावर उष्मा में बदल जाएगी और रजिस्ट्रेन्स गरम हो जाएगा ऑडियो पावर को नापने के लिए ऑडियो सिस्टम में सामान्यतः वोल्ट मीटर का प्रयोग किया जाता है।
विभिन्न प्रकार के स्पीकर
(verious types of speaker)-:
डायनेमिक स्पीकर-:
इस स्पीकर में जब वॉइस क्वाईल के सिरों पर सिग्नल दिया जाता है तो क्वाईल में मैग्नेटिक फील्ड बनता है। यह फील्ड स्थाई चुंबक के मैग्नेटिक फील्ड को काटता है जिससे क्वायल पर एक बल लगता है इस बल के कारण वायस क्वाइल से जुड़ा डायाफ्राम कंपन करता है और ध्वनि प्राप्त होती है स्पाइडर वॉइस क्वाईल को वापस अपनी सामान्य अवस्था में लाने के लिए प्रयोग किया जाता है
कोएक्शीयल डायनेमिक स्पीकर-:
कोएक्सियल डायनेमिक स्पीकर एक सिंगल यूनिट स्पीकर है जिसमें लो फ्रीक्वेंसी और हाई फ्रिकवेंसी के लिए अलग-अलग डायफ़ार्म होते हैं यह दोनों डायफॉर्म एक ही सिंगल वॉइस कॉइल के द्वारा ऑपरेट किए जाते हैं इस प्रकार के स्पीकर एक मैकेनिकल क्रॉसओवर नेटवर्क बनाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं और सामान्यतया फ्रिकवेंसी स्पेक्ट्रम को विभाजित करते हैं स्पीकर का मेन बडा डायाफ्राम लो फ्रीक्वेंसी के लिए कार्य करता है जो लगभग 30 से 4000 Hz तक की फ्रीक्वेन्सी को कवर करता है और इस बडे डायफार्म पर लगा छोटा डायफार्म हाई फ्रिक्वेंसी के लिए कार्य करता है जो लगभग 2000 से 15000 तक की फ्रिक्वेंसी को कवर करता है क्रॉसओवर फ्रिकवेंसी छोटे डायाफ्राम की साइज कठोरता डायमीटर और शेप के द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है ।
हार्न ड्राईवर यूनिट
(Horn driver unit)-:
हार्न टाइप लाउडस्पीकर को चलाने के लिए उसके पीछे की ओर लगाए जाने वाले पुर्जे को हार्न टाइप यूनिट या सामान्य भाषा में यूनिट कहते हैं।
आजकल प्रयोग होने वाले यूनिट में फील्ड क्वाईल के स्थान पर स्थाई चुंबक का प्रयोग किया जाता है।
हार्न
(horn)-:
हार्न ड्राइवर यूनिट के आगे के भाग के साथ लगाए जाने वाले लंबे व बड़े आकार के पुर्जे को हार्न कहते हैं प्रत्येक प्रकार का हार्न एक निश्चित ऑडियो फ्रिकवेंसी को आउट करते हैं इस प्रकार कहा जा सकता है कि अलग-अलग साइज का आकार के हार्न की आउटपुट आवाज को क्वालिटी में अंतर होता है।
प्रत्येक प्रकार के हार्न मुख्यतः 2 प्रकार के होते हैं।
1- उसकी लम्बी जिसे थ्रोड कहताए है।
2-उसका आगे का खुला भाग जिसे माउथ कहताए है।
लाउडस्पीकर की पावर और कि किसी का निर्धारण करना-:
एक लाउडस्पीकर की पावर सहन करने की क्षमता सामान्यतः दी गई वे फार्म की पावर पर आधारित है जिसे इंटीग्रेटेड प्रोग्राम मैटेरियल IPM कहते हैं इस प्रकार किसी स्पीकर की पावर क्षमता यदि 20 वाट है तो इसका अर्थ है कि यह 20 वाट की IPM बिना खराब हुए सहन कर सकता है।
एक लाउडस्पीकर की रेटिंग को नापने के लिए एक निश्चित एंप्लीट्यूड कि 50 से 100 Hz की स्वीप फ्रीक्वेंसी स्पीकर को लगभग 100 घंटे तक लगा कर दी जाती है इस दौरान यदि यह खराब नहीं होता है तो टेस्टिंग के समय दी गई अधिकतम पावर को ही स्पीकर की अधिकतम पावर मान लिया जाता है।
स्पीकर को री एसेम्बल करना-:
स्पीकर को सफेद करने से पहले उसमें लगने वाले मुख्य मुख्य भागों की जानकारी होना जरूरी है स्पीकर में लगने वाले मुख्य भाग निम्न प्रकार से हैं
1- स्पीकर कॉइल या वॉइस क्वाईल -:
ध्वनि का सिग्नल स्पीकर क्वाईल वॉइस क्वाईल के दोनो सीरो पर सिगनल दिया जाता है जिससे क्वाइल के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है इस क्वाईल को एक शोफ्ट आयरन कोर के चारों ओर रखा जाता है जब क्वाईल को सिग्नल मिलता है तो उस समय यह कोर चुंबक बन जाता है जब इन दोनों चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र आपस में टकराते हैं तो प्रतिक्रिया के फलस्वरूप क्वाईल पर एक बल कार्य करती है जिससे क्वाईल मे कम्पन्न उत्पन्न होते है। यह कंपनी फाइल के सिरे पर दिए गए सिग्नल के अनुसार ही होते हैं इन कंपन से कोन कंपन करता है जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है।
2- स्पाइडर
यह कलफ लगे कागज या कपड़े को एक निश्चित आकार में डालकर बनाया जाता है जो वॉइस क्वाइल से जुड़ा होता है जिस समय ध्वनि सिग्नल मिलने पर वाईस क्वाईल कंपन करती है उस समय यह स्पाइडर क्वाइल के लिए एक स्प्रिंग की तरह कार्य करता है तथा क्वायल को उसकी पूर्व स्थिति में पहुंचाने का कार्य करती है यह अलग अलग साइज के स्पीकर्स में अलग-अलग साइज के लगाए जाते हैं।
3_ कोन
स्पीकर के ऊपरी भाग में लगे कागज के शंकु आकार भाग को कोन कहते हैं कोन भी स्पीकर का एक प्रमुख भाग होता है यह स्पाइडर के ऊपर लगाया जाता है इस प्रकार वॉइस क्वाइल स्पीकर और कोन आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं क्वाईल में उत्पन्न तरंगों के कारण कोन भी कंपन करता है कोन और स्पाइडर मिलकर विद्युत तरंगों को ध्वनि में बदलते हैं।
4- डस्ट कैप
डस्ट कैप का संबंध आवाज उत्पन्न करने से नहीं होता है इसका कार्य क्वायल के गेप में धूल आदि ना जाने देना होता है इसके अलावा डस्ट केप कि लगा देने से स्पीकर का आकर्षण बन जाता है इसीलिए आजकल कई सुंदर व चमकीले डिजाइन के डस्ट केप के प्रयोग किए जाते हैं।
स्पीकर को रीपेयर करना-:
स्पीकर में वॉइस कॉइल की ओपन हो जाने से स्पीकर कार्य करना बंद कर देता है या तो स्पीकर का कोन फट जाए तो स्पीकर कार्य तो करता है लेकिन आवाज विकृत हो जाती है इसीलिए दोनों ही परिस्थिति में वॉइस, कॉइल स्पाइडर और कोन तीनों को ही बदलना पड़ता है क्योंकि तीनों आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं।
स्पीकर रिपेयर करने की क्रिया को रिकॉनिंग कहते हैं स्पीकर रिकॉनिंग करने के लिए निम्न वस्तुओं का होना आवश्यक है-:
1-:गम (चिपकाने वाला पदार्थ)।
2-: ब्लेड या फिल्म का टुकड़ा।
3-: शंकु आकार लकड़ी का गोल डंडा।
4-: तेज धार वाली चाकू कैची।
5-: स्पीकर कनेक्शन वायर।
सबसे पहले स्पीकर की पुरानी कोन स्पाइडर तथा क्वायल को स्पीकर से बाहर निकालते हैं यदि केवल कोन हीं फटा हुआ है तथा वॉइस कॉइल सही है तो इन तीनों को इस सावधानी से निकालते हैं की क्वाइल खराब ना होने पाए अब तेज धार वाले चाकू से स्पीकर पर चिपकी हुई गंदगी को साफ कर लेते हैं उसके बाद ब्लेड या फिल्म के टुकड़े से क्वायल गेप को भी अच्छी तरह से साफ कर लेते हैं इसके बाद स्पाइडर और कोन गोल शंकुकार में डंडे का कम मोटाई वाला सीरा डालकर डंडे को धीरे-धीरे दबा देते हैं और घुमाते हैं। इससे कैची से काटा गया छेद गोल तथा चौड़ा हो जाता है इसके बाद क्वाइल और स्पाइडर तथा कोन को क्रमशः एक दूसरे के ऊपर लगाकर चिपकाने वाले पदार्थ से चिपका देते हैं चिपकाने वाला पदार्थ इस प्रकार का होना चाहिए कि सूखने के बाद उसमें लचीलापन बना रहे अर्थात वह रबर बेस होना चाहिए। वाईश क्वाईल स्पाइडर और कोन को चिपका कर डंडे सहीत सूखने के लिए रख देना चाहिए अब स्पीकर में वायस क्वायल को लगाने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि इसका गैप अच्छी तरह से साफ हो जब क्वाईल स्पाइडर व कोन आपस में चिपक कर सूख जाए तो इन्हें स्पीकर में लगाते हैं यदि कोन स्पीकर के साइज से बाहर निकल जाता है तो इसे कैंची से काट लेना चाहिए अब वायस क्वायल को गेप में लगाकर गेप के चारों ओर ऊपर की तरफ से फिल्म के टुकड़े लगाकर स्पाइडर और कोन को चिपकाने वाले पदार्थ से चिपका देना चाहिए जब यह चिपक कर सूख जाए तो फिल्म के टुकड़े को निकाल देना चाहिए यह टुकड़े क्वायल को गेब के बीच सेट करने के लिए लगाए जाते हैं स्पाइडर और कोन के सूख जाने के बाद कॉइल्स फिक्स हो जाती है उसके बाद इन फिल्म के टुकड़ों का कोई काम नहीं रह जाता है अतः इन्हें निकाल दिया जाता है अंत में वायस क्वायल के दोनों सिरों को कोन में दो बारीक छेद कर के ऊपर की ओर लाते हैं तथा में स्पीकर कनेक्शन वायर जोड़कर उनका संबंध स्पीकर के सिरों पर कर देते हैं वायस क्वाईल के गेप के ऊपर डस्ट कैप लगा दी जाती है इससे उसमें धूल आदि के कण नहीं जाते है ।
सो दोस्तो आज इस ब्लोग के माध्यम से मैने आप सब को लाउड स्पीकर क्या होता है ये कैसे कार्य करता है कितने प्रकार का होता है। खराब होने लक्षण रिपेयर कैसे करते है ये सारी चीजे बताया अगर आपको पसन्द आये तो जरुर लाइक करे और कमेन्ट कर के जरुर बताये की हमारे सभी आर्टिकल को पढना है तो अपने ईमेल के माध्यम से जरुर सब्सक्राइब करे इस आर्टिकल की जिन लोगो को जरुरत है उन्हे शेयर करे आपके एक शेयर से उन लोगो को इस की जानकारिया प्राप्त होगी
इसी के साथ मै राजकुमार आप लोगो से विदा लेना चाहूंगा आज के लिये बस इतना ही।
जय हिन्द। जय भारत।।
by jp एम्प्लोयर्स
Very Nice article ! great job. Thanks for sharing.
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